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Wednesday, April 30, 2014

"जब याद किसी की आती है" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

 अपने काव्य संकलन सुख का सूरज से
एक गीत
"जब याद किसी की आती है"
हार्ट अटैक आने से कुछ दिन पहले बॉडी देने लगती है संकेत
दिल में कुछ-कुछ होता है,
जब याद किसी की आती है।
मन सब सुध-बुध खोता है,
जब याद किसी की आती है।

गुलशन वीराना लगता है,
पागल परवाना लगता है,
भँवरा दीवाना लगता है,
दिल में कुछ-कुछ होता है,
जब याद किसी की आती है।

मधुबन डरा-डरा लगता है,
जीवन मरा-मरा लगता है,
चन्दा तपन भरा लगता है,
दिल में कुछ-कुछ होता है,
जब याद किसी की आती है।

नदियाँ जमी-जमी लगती हैं,
दुनियाँ थमी-थमी लगती हैं,
अँखियाँ नमी-नमी लगती हैं,
दिल में कुछ-कुछ होता है,
जब याद किसी की आती है।
मन सब सुध-बुध खोता है,
जब याद किसी की आती है।।

2 comments:

  1. दिल का जज्बातों की सुन्दर अभिव्यक्ति

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  2. नदियाँ जमी-जमी लगती हैं,
    दुनियाँ थमी-थमी लगती हैं,
    अँखियाँ नमी-नमी लगती हैं,
    दिल में कुछ-कुछ होता है,
    जब याद किसी की आती है।
    मन सब सुध-बुध खोता है,
    जब याद किसी की आती है।।

    सुन्दर है कविता भी चर्चा मंच की सज्जा एवं सेतु चयन भी हमारे सेतु के चयन के लिए शुक्रिया

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