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Saturday, March 1, 2014

"दे रहा मधुमास दस्तक" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

मेरे काव्यसंग्रह "सुख का सूरज" से 
   
गीत
दे रहा मधुमास दस्तक

सुमन पुलकित हो रहा अभिनव नवल शृंगार भर।
दे रहा मधुमास दस्तक है हृदय के द्वार पर।।

भ्रमर की गुञ्जार गुन-गुन गान है गाने लगी,
तितलियों की फड़फड़ाहट कान में आने लगी,
छा गया है रंग मधुवन में बसन्ती रूप धर।
दे रहा मधुमास दस्तक है हृदय के द्वार पर।।

फूलती खेतों में सरसों आम बौराने लगे,
जुगलबन्दी छेड़करप्रेमी युगल गाने लगे,
चहकते प्यारे परिन्देदुर्ग की दीवार पर।
दे रहा मधुमास दस्तक है हृदय के द्वार पर।।

दुःख की बदली छँटी,  सूरज उगा विश्वास का,
जल रहा दीपक दिलों मे स्नेह ले उल्लास का,
ज्वर चढ़ापारा बढ़ा है प्यार के संसार पर।
दे रहा मधुमास दस्तक है हृदय के द्वार पर।।

2 comments:

  1. बहुत सुन्दर :

    --
    "दे रहा मधुमास दस्तक"

    सुमन पुलकित हो रहा अभिनव नवल शृंगार भर।
    दे रहा मधुमास दस्तक है हृदय के द्वार पर।।

    भ्रमर की गुञ्जार गुन-गुन गान है गाने लगी,
    तितलियों की फड़फड़ाहट कान में आने लगी,
    छा गया है रंग मधुवन में बसन्ती रूप धर।
    दे रहा मधुमास दस्तक है हृदय के द्वार पर...
    सुख का सूरज

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  2. मन बसन्ती तन बसन्ती दे रहा है मधुमास दस्तक.
    सुंदर चित्रण.

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